नेल्सन मंडेला की जीवनी: दक्षिण अफ्रीका के ‘गाँधी’ की अमर गाथा

(दुनिया के सबसे बड़े रंगभेद विरोधी योद्धा की संपूर्ण कहानी)

प्रस्तावना: वह शख्सियत जिसने जेल से राष्ट्रपति भवन तक सफर तय किया

“मदीबा”, “दक्षिण अफ्रीका का पिता”, “सदी का महानायक” – नेल्सन मंडेला के ये उपनाम उनके अद्वितीय संघर्ष को दर्शाते हैं। जिसने 27 साल जेल में बिताकर रंगभेद की बेड़ियाँ तोड़ीं, दुनिया का सबसे लोकप्रिय राष्ट्रपति बना, और शांति के नोबेल पुरस्कार से विश्व को सिखाया कि “क्षमा ही सबसे बड़ा हथियार है“। यह ब्लॉग उस महान मानवतावादी के जीवन की पूर्ण कथा है!


अध्याय 1: प्रारंभिक जीवन – एक ग्रामीण बचपन से राजनीतिक चेतना तक

जन्म और वंश परिचय

पैरामीटरविवरण
जन्म18 जुलाई 1918, मवेज़ो, दक्षिण अफ्रीका
पितागडला हेनरी मंडेला (थेंबू राजवंश के मुखिया)
मातानोसेकेनी फैनी
जनजातीय नामरोलिह्लाहला (“शरारती”)
कुलजोसा जनजाति, ज़ोन्डा कबीले

शिक्षा: अश्वेत होने का अहसास

  • 1934: क्लार्कबेरी मिशनरी स्कूल में दाखिला – अंग्रेजी नाम “नेल्सन” मिला
  • 1939: फोर्ट हेयर यूनिवर्सिटी में B.A. – रंगभेद का पहला झटका: छात्र आंदोलन में निष्कासन
  • 1943: जोहान्सबर्ग में कानून की पढ़ाई शुरू की

प्रभावशाली घटना:

“एक दिन बस में श्वेत कंडक्टर ने चिल्लाया: ‘काले कुत्ते, पीछे बैठो!’ मेरा खून खौल उठा।”


अध्याय 2: राजनीतिक जागृति – युवा विद्रोही से नेता तक (1940-1961)

ANC में प्रवेश और युवा लीग की स्थापना

  • 1944: अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस (ANC) में शामिल हुए
  • युवा लीग का घोषणापत्र: “श्वेत शोषण के खिलाफ सीधी कार्रवाई”
  • 1952: डेफियन्स कैंपेन – अश्वेतों के पासपोर्ट जलाए

रिवोनिया ट्रायल: उम्रकैद की सजा

वर्षघटनापरिणाम
1956देशद्रोह का आरोप5 साल बाद बरी हुए
1961अंडरग्राउंड “नेशनल कमांड” का गठनसरकार ने ANC पर प्रतिबंध लगाया
1964रिवोनिया ट्रायलआजीवन कारावास की सजा

मशहूर बयान:

“मैं एक आदर्श समाज के लिए लड़ता हूँ जहाँ श्वेत और अश्वेत समान हों। यदि जरूरी हुआ तो मैं इसके लिए मरने को तैयार हूँ।”


अध्याय 3: 27 वर्ष की कैद – रॉबेन आइलैंड से विश्व विजय तक

जेल जीवन के कठिन पल

  • कैद संख्या: 46664 (रॉबेन आइलैंड)
  • दैनिक दिनचर्या: चूना पत्थर तोड़ना, प्रतिदिन 500 ग्राम अनाज
  • मानसिक यातना: श्वेत अधिकारियों द्वारा “काले कुत्ते” कहकर पुकारा जाना

गुप्त वार्ताएँ और जेल से संघर्ष

  • 1985: प्रधानमंत्री पी.डब्ल्यू. बोथा को पत्र:
    “मुक्ति बिना शर्त होगी, कोई समझौता नहीं!”
  • 1988: ट्यूबरकुलोसिस से जूझते हुए अस्पताल में हुई गुप्त बातचीत

रचनात्मक विरोध:

  • जेल में कानून की डिग्री पूरी की
  • आत्मकथा लिखी: “लॉन्ग वॉक टू फ्रीडम” (खंडित पन्नों में छिपाकर)

अध्याय 4: स्वतंत्रता और राष्ट्रपति पद – रंगभेद के पतन की कथा

ऐतिहासिक रिहाई (11 फरवरी 1990)

  • दृश्य: केप टाउन के सिटी हॉल से ऐलान – “मैं आपके सामने हूँ, न किसी नफरत के साथ, बल्कि शांति के लिए!”
  • वैश्विक प्रतिक्रिया: 1 अरब दर्शकों ने LIVE देखा

राष्ट्रपति बनने की यात्रा

वर्षघटनामहत्व
1991ANC अध्यक्ष बनेरंगभेद कानूनों को रद्द कराया
1993श्वेत राष्ट्रपति डी क्लार्क के साथ नोबेल शांति पुरस्कार
1994दक्षिण अफ्रीका के प्रथम अश्वेत राष्ट्रपति बने

प्रसिद्ध नारा:

“कभी मत कहो कि यह असंभव है! असंभव शब्द खुद ही ‘आई एम पॉसिबल’ कहता है।”


अध्याय 5: राष्ट्रपति पद – सुलह और पुनर्निर्माण

ट्रूथ एंड रिकंसिलिएशन कमीशन (TRC)

  • अध्यक्ष: आर्कबिशप डेसमंड टूटू
  • उद्देश्य: अपराधियों को क्षमा देकर सच उजागर करना
  • ऐतिहासिक क्षण: जेलर क्रिस्टो ब्रांड ने माफी माँगी, मंडेला ने गले लगाया

प्रमुख नीतियाँ

  • आर्थिक सुधार: GEAR प्रोग्राम (ग्रोथ एंड रिडिस्ट्रीब्यूशन)
  • स्वास्थ्य: मुफ्त दवाएँ, HIV/AIDS जागरूकता
  • खेल: 1995 रग्बी वर्ल्ड कप – श्वेत टीम को समर्थन देकर एकता का संदेश

राष्ट्रपति भवन में बदलाव:

  • श्वेत अंगरक्षकों को बरकरार रखा
  • पूर्व राष्ट्रपति डी क्लार्क को उपराष्ट्रपति बनाया

अध्याय 6: व्यक्तिगत जीवन – पीड़ा और प्रेम की कहानी

वैवाहिक जीवन और परिवार

पत्नीअवधिटिप्पणी
एवलिन मेस1944-19574 बच्चे (मक्गाथो की मृत्यु 1969 में)
विनी मैडिकिज़ेला1958-1996विवादों में घिरी, तलाक
ग्रासा मैशेल1998-2013मोज़ाम्बिक की विधवा, जीवनसाथी बनीं

व्यक्तित्व के अनछुए पहलू

  • पसंदीदा कवि: विलियम अर्नेस्ट हेनली (“इनविक्टस”)
  • शौक: जोहान्सबर्ग में सुबह 4:30 बजे टहलना
  • पोशाक: रंगीन “मदीबा शर्ट्स”

अध्याय 7: विरासत – विश्व को दिया गया मानवता का पाठ

वैश्विक प्रभाव

  • शांति दूत: बुर्किना फासो से फिलिस्तीन तक संघर्ष समाधान
  • मंडेला दिवस: 18 जुलाई – 67 मिनट सेवा का संकल्प
  • यूनेस्को पुरस्कार: मानवाधिकारों के लिए समर्पण

प्रेरणादायक उद्धरण

“शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है जिससे दुनिया बदली जा सकती है।”
“जब तक काम न हो जाए, वह असंभव लगता है।”


अध्याय 8: अंतिम समय और निधन (5 दिसंबर 2013)

अंतिम यात्रा

  • अंतिम सार्वजनिक उपस्थिति: 2010 फुटबॉल विश्व कप समापन समारोह
  • मृत्यु: जोहान्सबर्ग में श्वसन संक्रमण से
  • अंतिम संस्कार: क्यूनू गाँव में पारिवारिक समाधि स्थल पर

वैश्विक शोक

  • 90 देशों के नेता शामिल हुए
  • यूएन महासभा ने मौन धारण किया
  • गूगल डूडल: दुनिया भर में श्रद्धांजलि

निष्कर्ष: अमर विरासत जो आगे बढ़ाती रहेगी

“मौत अपरिहार्य है। जब कोई व्यक्ति ऐसा काम कर जाए जो उसके समाज के लिए शाश्वत हो, तो वह अमर हो जाता है।”
– नेल्सन मंडेला

मंडेला सिखाते हैं कि:

  • नफरत को प्रेम से हराया जा सकता है
  • क्षमा शक्ति का प्रतीक है, कमजोरी नहीं
  • लोकतंत्र की रक्षा हर नागरिक का कर्तव्य है

“मदीबा अमर रहें! विश्व हमेशा आपका ऋणी रहेगा!”


सन्दर्भ:

  1. मंडेला, नेल्सन. लॉन्ग वॉक टू फ्रीडम
  2. सैम्पसन, एंथोनी. मंडेला: द ऑथराइज्ड बायोग्राफी
  3. टूटू, डेसमंड. नो फ्यूचर विदाउट फॉरगिवनेस

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